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भोपाल/इन्दौर (युग का इंसाफ)। आम आदमी तक सरकार की सोजनाओं का लाभ दिलाने व कानून का राज स्थापित करने में कलेक्टरों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. सरकार की छवि भी इन अफसरों की कार्यप्रणाली से ही बनती और बिगड़ती है. सरकारें अपने दल के नेताओं की मर्जी से चलने वाले अफसरों को अधिक पसंद करती हैं. यही वजह है कि पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रमोटी अफसरों पर अधिक भरोसा जताते हुए उनके भरोसे ही अपनी सरकार चलाते हुए इसका फायदा खूब उठाया. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अधिकांश जिलों की कमान प्रमोटी आइएएस को ही सौंप रखी थी लेकिन अब कमलनाथ सरकार में इसके उलट अधिकांश जिलों में कलेक्टरी सीधी भर्ती के आइएएस के हाथों में सौंप दी गई है.
कमलनाथ सरकार में जिन जिलों में प्रमोटी आइएएस को कलेक्टर बनाया गया है उनमे देवास में डॉ श्रीकांत पांडेय, खरगौन में गोपालचंद डाड, झाबुआ में प्रबल सिपाहा, बुरहानपुर में राजेश कुमार कौल, शाजापुर में वीरेंद्र सिंह रावत, आगर मालवा में संजय कुमार, मंदसौर में मनोज पुष्प, नीमच में अजय सिंह गंगवार, अशोकनगर में डा मंजू शर्मा, दतिया में बीएस जामोद, श्योपुर में बसंत कुर्रे, भिंड में छोटे सिंह, रीवा में ओपी श्रीवास्तव, सीधी में रविंद्र कुमार चौधरी, सतना में सतेंद्र सिंह, शहडोल में ललित दाहिमा, निवाड़ी में अक्षय कुमार सिंह, रायसेन में उमाशंकर भार्गव, कटनी में शशिभूषण सिंह, नरसिंहपुर में दीपक सक्सेना, छिंदवाड़ा में डॉ श्रीनिवास शर्मा, मंडला में जगदीशचंद्र शर्मा शामिल हैं. इनमें से कई अफसर तो सचिव के पद पर प्रमोट होने के बाद भी कलेक्टर बने हुए हैं.
इन जिलों में सीधी भर्ती के आइएएस
इंदौर में लोकेश जाटव, बड़वानी में अमित तोमर, अलीराजपुर में सुरभि गुप्ता, खंडवा में तनवी सुंद्रियाल, उज्जैन में शशांक मिश्रा, धार में श्रीकांत बनोठ, रतलाम में रुचिका चौहान, ग्वालियर में अनुराग चौधरी, शिवपुरी में सुश्री अनुग्रह पी, गुना में भास्कर लक्षकार, मुरैना में प्रियंका सोमवंशी, सागर में प्रीति मैथिल, दमोह में तरुण राठी, पन्ना में कर्मवीर शर्मा, छतरपुर में मोहित बुंदस, टीकमगढ़ में सौरभ कुमार सुमन, भोपाल में तरुण पिथौड़े, सीहोर में अजय गुप्ता, राजगढ़ में निधि निवेदिता, विदिशा में कौशलेंद्र विक्रम सिंह, होशंगाबाद में शीलेंद्र सिंह, हरदा में एस विश्वनाथन, बैतूल में तेजस्वी एस नायक, जबलपुर में भरत यादव, सिवनी में प्रवीण सिंह अढायच तथा डिंडौरी में बक्की कार्तिकेयन और बालाघाट में दीपक आर्य कलेक्टरी संभाल रहे हैं.
कमिश्नर के लिए प्रमोटी बने पसंद
संभाग में कमिश्नरी संभाल रहे अधिकांश आइएएस भी प्रमोटी हैं. इनमें केवल भोपाल कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव, इंदौर कमिश्नर आकाश त्रिपाठी तथा उज्जैन कमिश्नर अजीत कुमार ही सीधी भर्ती के आइएएस हैं जबकि ग्वालियर कमिश्नर एमबी ओझा, चंबल कमिश्नर रेणु तिवारी, रीवा कमिश्नर डा अशोक भार्गव, शहडोल कमिश्नर आरबी प्रजापति, सागर कमिश्नर आनंद कुमार शर्मा, नर्मदापुरम कमिश्नर रविंद्र मिश्रा तथा जबलपुर कमिश्नर राजेश बहुगुणा, प्रमोटी अफसर हैं. बहुगुणा को हाल ही में आबकारी आयुक्त बनाया गया है, लेकिन अभी उनके पास दोनों ही चार्ज हैं.
यहां हो चुका विवाद
छतरपुर में कलेक्टर मोहित बुंदस से कांगे्रस के सभी विधायकों सहित भाजपा के विधायकों ने भी एकजुट होकर सीएम से शिकायत करते हुए हटाने की मांग की थी, मगर उन्हें अभी तक नहीं हटाया गया, वहीं अशोक नगर कलेक्टर मंजू शर्मा, भिंड कलेक्टर छोटे सिंह, गुना कलेक्टर भास्कर लक्षकार का भी विवाद विधायकों से हो चुका है, मगर इन्हें भी अभी तक नहीं बदला गया